Sunday, May 30, 2021

दीक्षा से मिलेगी ऑनलाइन ट्रेनिंग और शिक्षा

 दीक्षा से मिलेगी ऑनलाइन ट्रेनिंग और शिक्षा




DIKSHA (नॉलेज शेयरिंग के लिए डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर), स्कूली शिक्षा के लिए एक राष्ट्रीय मंच है, जो की, शिक्षा मंत्रालय की राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीइआरटी ) की एक पहल हैं! DIKSHA खुली वास्तुकला के मूल सिद्धांतों के आधार पर विकसित किया गया था, खुली पहुच, खुली लाइसेंस विविधता, राष्ट्रीय शिक्षक मंच के लिए रणनीति और दृष्टिकोण पत्र में उल्लिखित विकल्प और स्वायत्तता, इसे माननीय पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर द्वारा मई 2017 में जारी किया था ! DIKSHA को खुद भारत के माननीय उपराष्ट्रपति जी द्वारा 5 सितम्बर, 2017 में शुरू किया गया था और तब से 35 राज्य/केंद्र शाषित प्रदेश भर में अपनाया गया है, और साथ ही साथ, सीबीएसइ और एनसीइआरटी के साथ और करोड़ों शिक्षार्थियों और शिक्षकों द्वारा भी अपनाया गया है ।




Diksha ओपन सोर्स टेक्नोलॉजी पर बनाया गया है, जिसे भारत में और भारत के लिए बनाया गया है, जो इंटरनेट स्तर टेक्नोलॉजी को शामिल करता है और सिखाने और सीखने के लिए कई उपयोगी-मामलों और समाधानों को संभव बनाता है। DIKSHA को MIT लाइसेंस प्राप्त ओपन सोर्स तकनीक का उपयोग करके बनाया गया है जिसे Sunbird कहा जाता है जो सीखने के लिए एक डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर है और इसे कई भाषाओं और समाधानों का समर्थन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है और मंच तथा समाधानों के विकास के लिए निर्माण खंडो के रूप में 100 से अधिक सूक्ष्म सेवाओं की पेशकश करता है। Diksha, जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के उपयोग के लिए उपलब्ध है। प्रत्येक राज्य /केंद्र शासित प्रदेश अपने तरीके से DIKSHA मंच का लाभ उठाते हैं, क्योंकि इसके पास अपने शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए कार्यक्रमों को बनाने और उन्हें चलाने के लिए मंच की विभिन्न क्षमताओं और समाधानों का उपयोग करने की स्वतंत्रता और विकल्प है। DIKSHA नीतियां और उपकरण शिक्षा इकोसिस्टम (शिक्षाविद्, विशेषज्ञ, संगठन, संस्थाएं - सरकार, स्वायत्त संस्थानों, गैर-सरकारी और निजी संगठनों) के लिए संभव बनाते हैं कि वे देश के लिए बड़े पैमाने पर सीखने के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक साझा मंच पर भाग लें , योगदान दें और लाभ उठायें ।  DIKSHA को देश भर के शिक्षार्थियों और शिक्षकों द्वारा पहुँचा जा सकता है और वर्तमान में भारत भर में NCERT, CBSE और SCERT की विभिन्न भाषाओं और 18+ भाषाओं का समर्थन करता है। ये मंच स्कूल शिक्षा, मूलभूत शिक्षण कार्यक्रमों के लिए और शिक्षार्थियों और शिक्षकों के रेखांकित और अलग-अलग समुदायों के लिए समावेशी सीखने का समर्थन करने के लिए विकसित किया जा रहा है।  COVID-19 स्कूली शिक्षा से संबंधित व्यवधान के संदर्भ में, DIKSHA सभी राज्यों / केन्द्र शासित प्रदेशों के लिए अभिनव राज्य कार्यक्रमों के माध्यम से घर पर सीखने / शिक्षा को सक्षम करने के लिए संभव बनाता है; इसलिए भारत भर में शिक्षकों और शिक्षार्थियों के लाभ के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग को छलांग लगाना है।

Saturday, May 29, 2021

बिहार शिक्षा विभाग ने शिक्षकों और छात्रों के लिए बनाई ई-लाइब्रेरी

 बिहार शिक्षा विभाग ने शिक्षकों और छात्रों के लिए बनाई ई-लाइब्रेरी



कोविड-19 संक्रमण एवं विद्यालयों का संचालन बाधित होने के कारण राज्य के सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत कक्षा 1 से 12 के विद्यार्थियों के पठन-पाठन की निरंतरता को बनाए रखने के लिए शिक्षा विभाग, बिहार सरकार के द्वारा डिजिटल/ऑनलाइन शिक्षण की व्यवस्था किए जाने का प्रयास किया जा रहा है। इस क्रम में बिहार शिक्षा परियोजना परिषद, राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद एवं यूनिसेफ़ के संयुक्त प्रयास से कक्षा 1 से 12 की पाठ्य-पुस्तकों के आधार पर ई-कंटैंट का निर्माण किया गया। साथ ही, विभिन्न स्रोतों, यथा – दीक्षा पोर्टलस्वयंप्रभा चैनलएन०आर०ओ०ई०आर० (National Repository of Open Educational Resources) एवं शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत विभिन्न संस्थाओं से भी कक्षा 1 से 12 की पाठ्य-पुस्तकों के आधार पर उपलब्ध ई-कंटेन्ट प्राप्त किया गया। यद्यपि राज्य में वर्ष 2020-21 के दौरान कक्षा 1 से 12 के विद्यार्थियों के पठन-पाठन की निरंतरता को बनाए रखने के लिए दूरदर्शन बिहार के माध्यम से इन ई-कंटेन्ट के आधार पर शैक्षणिक प्रसारण भी कराये गए। जिसे मेरा दूरदर्शन मेरा विद्यालय नाम दिया गया।



उपर्युक्त परिपेक्ष्य में शिक्षा विभाग, बिहार सरकार के द्वारा कक्षा 1 से 12 के विद्यार्थियों के उपयोग हेतु ई-लाइब्रेरी विकसित करने का निर्णय लिया गया। परिणामस्वरूप ई-लाइब्रेरी : LOTS – Library of Teachers and Students आपके समक्ष प्रस्तुत है। ई-लाइब्रेरी में विद्यार्थियों के साथ शिक्षकों एवं अन्य हितधारकों के उपयोग के लिए कक्षा 1 से 12 की पाठ्य-पुस्तकों, पाठ्य-पुस्तकों की पाठों के आधार पर शैक्षणिक विडियो, संदर्भ विडियो, दीक्षा पोर्टल पर उपलब्ध सामाग्री के लिंक के साथ साथ पाठवार अभ्यास के प्रश्नोत्तर को भी शामिल किया गया है।



ई-लाइब्रेरी के उपयोग से विद्यार्थियों को न केवल पठन-पाठन का अवसर प्राप्त होगा बल्कि इसके उपरांत संबन्धित पाठों के प्रश्नोत्तर का अभ्यास करके वे अपना स्वमूल्यांकन भी कर सकेंगे। शिक्षकों एवं अन्य हितधारकों के द्वारा भी ई-लाइब्रेरी पर उपलब्ध शैक्षिक सामग्री का उपयोग अपनी क्षमता विकास के साथ साथ विद्यालयों में विद्यार्थियों को बेहतर परामर्श के लिए किया जा सकेगा। उम्मीद है कि शिक्षक एवं छात्र इस e-Library (LOTS- Library of Teachers & Students) का भरपूर सदुपयोग करेंगे


ये एक बहुत ही बेहतरीन पहल हैं बिहार शिक्षा विभाग के पदाधिकारीयो द्वारा इससे शिक्षकों और बच्चों दोनों को फायदा होगा

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Friday, May 28, 2021

शिक्षा विभाग, बिहार पटना ने मांगी सभी प्रकार के शिक्षकों की रिक्ति

 शिक्षा विभाग, बिहार पटना ने मांगी सभी प्रकार के शिक्षकों की रिक्ति



शिक्षा विभाग, बिहार पटना माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के विशेष सचिव सह निदेशक ने पत्र के माध्यम से सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना को 29 मई को आहूत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में प्राथमिक, मध्य,माध्यमिक तथा उच्च माध्यमिक विद्यालय के सभी प्रकार शिक्षकों की रिक्ति के ब्यौरा के साथ अपराह्न 2 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में भाग लेने का आदेश दिया।






Thursday, May 27, 2021

राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में शिक्षक बहाली पर जल्द सुनवाई की अपील

 राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में शिक्षक बहाली पर जल्द सुनवाई की अपील 




शिक्षक नियोजन को लेकर अभ्यर्थियों ने ट्विटर पर पिछले  दिनों जो अभियान चलाया। इसके बाद बिहार सरकार के एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने शिक्षा मंत्री के अनुरोध पर चीफ जस्टिस से मामले पर शीघ्र विचार करने का अनुरोध किया है। पूरा मामला लगभग सवा लाख शिक्षकों की नियुक्ति से जुड़ा है,


















Wednesday, May 26, 2021

बिहार शिक्षक बहाली और सब्र

 बिहार शिक्षक बहाली और सब्र


सर सब्र करने का भी एक सीमा होता होगा 2014-16 सत्र D.El.Ed. में नामांकन लिया 2018 अक्टूबर में एग्जाम हुआ 2019 जनवरी में BSEB ने रिजल्ट जारी किया 2016 में ही CTET पास किया D.El.Ed. एग्जाम नही होने के कारण CTET पास करने के बाद भी KVS या अन्य किसी राज्य के शिक्षक बहाली में आवेदन नही कर पाता था।

2017 में BTET हुआ 2018 में रिजल्ट आया 2019 में बिहार सरकार ने शिक्षक बहाली के लिये नोटिफिकेशन जारी किया और अब तक उस नोटिफिकेशन पर बहाली को पूरा नही किया जा रहा हैं सब्र भी कितना सब्र करेगा, हमने सुना था कि सब्र का फल मीठा होता है पर हमें खट्टा, नमकीन और तीखा भी चलेगा सर, समय की सुई मेरे लिए रुक तो नही जायेगी।

BSEB मेरा टीचर्स ट्रेनिग भी समय पर पूरा कर देती तो किसी अन्य राज्य में या KVS में नौकरी करने के लिए आवेदन कर पाते लेकिन वो भी नही हो पाया BSEB ने उस उम्मीद पर भी पानी फेर दिया। जब से D.El.Ed. का रिजल्ट आया है तब से KVS ने भी बहाली नही निकाला है, आप कहेंगे 2016 में तो तुम्हारा टीचर्स ट्रेनिग पूरा हो गया था उसके बाद कोई और नौकरी की तैयारी क्यो नही किया सर दूसरी नौकरी का भी तैयारी किया बैंक क्लार्क में 2 बार PT का रिजल्ट हुआ लेकिन मेंस नही हो पाया Bank PO का एक बार lnterview भी दिया हूँ Unfortunately नहीं हुआ, LIC ADO का भी lnterview दिया असफल रहा। अब बच्चों को उनके घर पर जाकर पढ़ता हूँ यदि शिक्षा विभाग बता दे कि हम शिक्षक बहाली नही कर पायेंगे तो हम जीने का कोई और रास्ता ढूढेंगे कब तक इस बहाली के फेर में परेगें सर। घर में माता- पिता जी हैं उन लोगों का भी अब उम्र हो गया हैं उनकी  तबियत ज्यादा ठीक नही रहती हैं एक लड़के को बेटा का भी फर्ज निभाना हैं एक लड़का अपनी उम्र का एक महत्वपूर्ण समय नौकरी को खोजने में ही लगा देगा तो बाकी जिम्मेदारियों को कब निभायेगा? हर कुछ का एक समय होता हैं सर।

सर हम लाचार बिहारी छात्रों का फिक्र कीजिये हम सब आप को बड़े भाई की तरह समझते हैं भैया जिंदगी के रेगिस्तान में उम्मीद का घड़ा शिक्षा विभाग ही हैं शिक्षक अभ्यर्थियों के लिये। हम सब छात्रों के लिये कृपया इस प्राथमिक शिक्षक नियोजन को जल्द पूरा करवाइये ।

                                                  बिहार के एक शिक्षक अभ्यथी के सब्र की कहानी उन्ही की जुबानी।

Tuesday, May 25, 2021

बिहार शिक्षक बहाली के लिए कोर टीम डिजिटल आंदोलन के अंतर्गत चला रही है हस्ताक्षर अभियान

 बिहार शिक्षक बहाली के लिए कोर टीम डिजिटल आंदोलन के अंतर्गत चला रही है हस्ताक्षर अभियान




पटना:बिहार शिक्षक बहाली के लिए कोर टीम डिजिटल आंदोलन के अंतर्गत चला रही है हस्ताक्षर अभियान। इस अभियान के अंतर्गत शिक्षक अभ्यर्थियों को अपना नाम ,पता,मोबाइल नंबर और हस्ताक्षर दिए गए फॉर्मेट के अनुसार एक सादे कागज पर करना है और फ़ोटो खिंच कर अमित कुमार नालंदा के व्हाट्सएप नंबर 9835525055 पर भेज देना है।आपके हस्ताक्षर को PMO,PRESIDENT,CMO,GOVERNOR,एवं HIGH COURT को भेजा जाएगा।उसके बाद पत्र अभियान चलेगा।




देश भर में छाया बिहार के शिक्षकों की नियुक्ति का मुद्दा

 देश भर में छाया बिहार के शिक्षकों की नियुक्ति का मुद्दा






पटना:कल दिनांक 24/05/2021 को बिहार प्रारंभिक शिक्षक नियोजन(@btetctet) ट्विटर पेज के आवाहन पर सभी शिक्षक अभ्यथियों के द्वारा 11 बजे से लगातार अपना मार्मिक और ह्रदय विदारक वीडियो बनाकर हैशटैग #Bihar_Needs_Teachers का उपयोग कर 6 से 7 लाख की संख्या ट्विट और रिट्विट किया गया। जिससे ये मुद्दा ट्विटर पर पूरे भारत देश मे 1 और 2 नंबर पर घंटो ट्रेंड करता रहा।वीडियो में अभ्यथी  नियोजन नहीं होने से अपना  मानसिक ,आर्थिक और सामाजिक  तकलीफ को बड़े ही बेबाकी से बताया और शिक्षक नियोजन नही होने से कोरोना काल में उत्पन्न हुई परेशानी को सरकार तक पहुचाने का प्रयास किया।इस डिजिटल आंदोलन को सफल बनाने यूथ फ़ॉर स्वराज,युवा हल्ला बोल तथा बिहार के तमाम शिक्षक संगठन का बहुत ही बड़ा योगदान मिला।
नेता प्रतिपक्ष के साथ  बड़े नेताओं और विधायकों का भी सहयोग मिला।देश भर में छाया बिहार के शिक्षकों की नियुक्ति का मुद्दा



क्या है शिक्षकों की नियुक्ति का मुद्दा




बिहार सरकार शिक्षक बहाली को भी चुनावी वोट की तरह देखती हैं। विधानसभा चुनाव में नीतीश जी की NDA सरकार ने चुनावी सभा मे चीख चीख कर कहा था कि सरकार की गठन होने के 1 साल के अंदर बहाली को पूरा कर लिया जायेगा लेकिन सरकार गठन होने के बाद आज तक सरकार ने शिक्षक बहाली पर एक  कदम भी आगे नही बढ़ाया हैं जबकि अन्य राज्यों में इस कोरोना काल मे भी युवाओं को रोज़गार देने का काम राज्य सरकाए कर रही हैं ।लेकिन बिहार सरकार के मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री,शिक्षा मंत्री और विधायक सिर्फ सोशलमीडिया पर पोस्ट करने में व्यस्त हैं ।जमीनी स्तर पर युवाओं और शिक्षा के लिए सरकार कुछ भी नही कर रही हैं बिहार RTE Act के अनुसार छात्र शिक्षक अनुपात को पूरा करने में देश का सबसे पिछड़ा राज्य हैं। RTE Act के अनुसार छात्र शिक्षक अनुपात को बिहार के मात्र 25% विद्यालय ही पूरा करते है।बिहार सरकार की सिर्फ 2% विद्यालयों में RTE Act के सभी नियमो का पालन करती हैं ये खुद सरकार का रिपोर्ट में बताया गया हैं। शिक्षा बच्चों का मौलिक अधिकार होने के बावजूद भी बिहार सरकार अपने राज्य के बच्चों को मौलिक अधिकार का हनन कर रही हैं।बिहार के स्कूलों में जितने कक्षाएं हैं उतने शिक्षक भी सरकार नही दे पा रही हैं। 1से 5 के स्कूलों में कम से कम 5 शिक्षक और 1से 8 तक के स्कूलों में कम से कम 8 शिक्षक होने ही चाहये सरकार इतने शिक्षक देने में भी असमर्थ हैं। यदि आप बच्चों को उनका मौलिक अधिकार नही दे सकते तो बिहार के सारे स्कूलों को बंद कर दे।प्रारंभिक स्कूलों में 94000 शिक्षक बहाली का नोटिफिकेशन निकाले 3 साल हो गया हैं ।सरकार  बहाली नही कर रही हैं । उच्च न्यायालय पटना में ब्लाइंड केस के नाम पर शिक्षक नियोजन को जानबूझकर लटकाया जा रहा है।शिक्षक अभ्यर्थियों को मजबूरन इस कोरोना महामारी में भी सोशलमीडिया ट्विटर के द्वारा आंदोलन करना पर रह हैं यदि अभी ये महामारी नही होता तो अभ्यर्थी सड़क पर ये आंदोलन करते.....

Monday, May 24, 2021

सरकारी विद्यालयों के बच्चों को मिल सकता है टैब या स्मार्टफोन

 

सरकारी विद्यालयों के बच्चों को मिल सकता है टैब या स्मार्टफोन



पटना: पहली से 12वीं तक के हर बच्चों को मिलेगा लैपटॉप और टैबलेट

बिहार सरकार शिक्षा को लेकर है चिंतित

बिहार में सरकारी और निजी स्‍कूलों के बीच फासले को कम करने के लिए शिक्षा विभाग ने लगातार कई कोशिशें शुरू की हैं।इस कोरोना जैसे महामारी में शिक्षा के ऊपर बहुत अधिक प्रभाव पड़ रहा है जिसको लेकर सरकार काफी चिंतित हैं इसलिए इस समस्या को दूर करने के लिए अब सरकार लगातार कोशिश में लगी हुई हैं

पहली से बारहवीं कक्षा तक लैपटॉप एवं टैबलेट

अभी सबसे बड़ी समस्या ये आ रही है कि सभी स्कूल एवं कॉलेज कोरोना महामारी को लेकर बंद पड़ा है जिससे बच्चों के पढाई पर काफी असर पर रहा है । इसलिए सरकार अब पहली से लेकर बारहवीं तक के सभी बच्चों को लैपटॉप एवं टैबलेट देगी ।इस योजना में से एक योजना है E-Library, जिसमे पहली से बारहवीं वर्ग के बच्चों के लिए पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराई गयी है । इसमें टेक्स्ट बुक के अलावा ऑडियो और विडियो में भी पाठ्य सामग्री उपलब्ध है जिससे सभी बच्चे घर बैठे ही अपनी पढाई कर सकते हैं ।

E-Libarary और समस्याएँ

E-Library तो तैयार है लेकिन सबसे बड़ी समस्या ये है कि इस योजना का लाभ उठाने के लिए सभी के पास Smartphone, Latptop या Tablet होना जरुरी हैं जो की सभी बच्चों के पास नहीं होने से ये योजना कमजोर पड़ती जा रही हैं । क्योंकि बिहार सरकारी स्कूलों में ज्यादातर गरीब तबके एवं माध्यम वर्ग के बच्चे पढ़ते हैं जिसकी वजह से वो इन Digital Divices का उपयोग करने में सक्षम नहीं है । इसलिए सरकार अब पूरी कोशिश में लगी हुई है की इन बच्चों को Digital Divices दी जाए जिससे वो पूरी तरह इसका लाभ उठा सके और अपने भविष्य को उज्जवल बना सके ।


बिहार के प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने स्वीकारा

बिहार सरकार ने डिजिटल डिवाइस के लिए केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भी रखा है और साथ ही सभी शिक्षा अभियान को Digitalization करने का भी अनुरोध किया है, जिससे पहली और बारहवीं वर्ग के बच्चे आसानी से ऑनलाइन पढाई का लाभ उठा सके । शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने जाकारी दी की केंद्र सरकार ने बिहार सरकार को डिजिटल डिवाइस उपलब्ध करने का पूरा भरोसा दिया है ।

सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में विभिन्नता पर विचार

बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने केन्द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की अध्यक्षता में विडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में, बिहार की वर्तमान शिक्षा व्यवस्था के बारे जानकारी दी । उन्होंने बताया कि बिहार में प्राइवेट और सरकारी स्कूलों के बच्चों में काफी अंतर देखनो को मिलता हैं इससे यहाँ के बच्चों में भी इस चीज की कमी खलती है । इस विभिन्नता को खत्म करने के लिए इस चालू वित्तीय वर्ष में होने वाली प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक में राज्य सरकार की ओर से डिजिटल डिवाइस का प्रस्ताव रखा जायेगा ।

डिजिटल शिक्षा, शैक्षणिक प्रबंधन एवं नई शिक्षा निति पर हुई चर्चा

इस योजना से सरकारी स्कूल के बच्चे अब ऑनलाइन पढाई कर सकेंगे क्योंकि बिहार सरकार ने केंद्र से ऑनलाइन पढाई के लिए स्मार्टफोन, लैपटॉप एवं टैबलेट की मांग की है । साथ ही समग्र शिक्षा अभियान को डिजिटल डिवाइस का का प्रावधान करने की भी मांग की गयी हैं ।

33 लाख बच्चों का हुआ चालू सत्र में नामांकन

बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने जानकारी दी चालू सत्र में बड़े पैमाने पर नामांकन अभियान को केन्द्रीय शिक्षा मंत्री के समक्ष रखा गया । सभी कक्षाओं को मिलकर लगभग 33 लाख बच्चों का नामांकन हुआ था । पिछले शैक्षणिक सत्र में विद्यालय सही ढंग से नहीं चलने के कारण सभी बच्चों के लिए कैच-अप कोर्स की पूरी तैय्यारी कर ली गयी हैं लेकिन कोरोना महामरी के करना इसे प्रारंभ नहीं किया जा सका ।

बिहार में शिक्षकों का घोर अभाव है।

सरकार जितना चाहे उतना टैब या स्मार्टफोन बाँट ले लेकिन इन टैब या स्मार्टफोन में भी ऑनलाइन शिक्षा देने के लिए शिक्षकों की आवश्यकता है । बिहार में बीते 3 साल से 94000 शिक्षकों की बहाली नही हुई है सरकार पहले वो पूरा कर ले तभी ये योजना सफल हो पाएगी।

ऐसे उठायें E-Class का लाभ

सरकार की यह योजना सफल हुई तो इससे सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के बच्चों के बीच जो अंतर देखनो को मिलता है वो समाप्त हो जायेगा । दूरदर्शन पर चल रही ई-क्लास के साथ साथ ई-लाइब्रेरी का भी फ़ायदा उठा पाएंगे । अगर आप के पास एंड्राइड मोबाइल है तो आप इसे अपने मोबाइल के प्ले-स्टोर पर उपलब्ध एंड्राइड अप्प (e-LOTS) के माध्यम से भी फ़ायदा उठा सकते हैं । इस एंड्राइड एप्प को निचे दिए गये लिंक से डाउनलोड कर सकते हैं 

http://bepclots.bihar.gov.in/

Sunday, May 23, 2021

बिहार में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर उठ रहे है सवाल क्योंकि बिना शिक्षक के पढ़ रहा है बिहार

 बिहार में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर उठ रहे है सवाल क्योंकि बिना शिक्षक के पढ़ रहा है बिहार

पटना: बिहार में वर्तमान में प्राथमिक शिक्षा की स्तिथि काफी दयनीय है क्योंकि बिहार में विद्यालयो की संख्या में बढ़ोतरी हुई , छात्रों के नामांकन में भी इजाफा हुआ परंतु शिक्षक की भर्ती लंबे अरसे से बंद है जिस कारण बिहार के छात्र बिना शिक्षक के ही पढ़ रहे है इस बात को हम कुछ आंकड़ो के माध्यम से समझते है जो राज्य और केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2015-16 में जारी किया गया है। विदित रहे की उसके बाद ना सरकार ने डाटा जारी किया ना ही शिक्षको का नियोजन किया है| राज्य में पिछले सात साल से कोई शिक्षक बहाल नहीं हुए है |


बिहार राज्य में कुल 41762 प्राथमिक एवं 26523 मध्य विद्यालय है।बिहार के प्राथमिक विद्यालयों की संख्या 3276 जहाँ 1 शिक्षक,12507 विद्यालय जहाँ 2 शिक्षक , 10595 विद्यालय जहाँ 3 शिक्षक,7170 विद्यालय जहाँ 4 शिक्षक,4366 विद्यालय जहाँ 5 शिक्षक,3874  विद्यालय जहाँ 5 से अधिक शिक्षक है।यानि की बिहार के लगभग 42 हजार प्राथमिक विद्यालय में से कुल 3874 विद्यालय ही कुल मिलाकर कुछ हद तक शिक्षकों को बच्चों के लिए उपलब्ध करा रहा है |


अब बिहार के मध्य विद्यालय का हाल देखिये 

बिहार के मध्य विद्यालयों की संख्या 3462 जहाँ 5 से कम शिक्षक,2831 विद्यालय जहाँ 5 शिक्षक , 3507 विद्यालय जहाँ 6 शिक्षक,3567 विद्यालय जहाँ 7 शिक्षक,3397 विद्यालय जहाँ 8 शिक्षक,12406  विद्यालय जहाँ 8 से अधिक शिक्षक है।

पूरे बिहार राज्य में 8004 ऐसे विद्यालय है जहाँ शिक्षक छात्र का अनुपात 100 से ज्यादा का है। जबकि पूरे बिहार राज्य का शिक्षक छात्र का अनुपात 57 है। सीतामढ़ी जिला का शिक्षक छात्र का अनुपात 75  है और नालंदा का शिक्षक छात्र का अनुपात 42 है। 


बिहार में 2007-08 में सरकारी विद्यालयों की संख्या 66627 थी जो 2015-16 में बढ़कर 70934  हो गई।



बिहार के प्राथमिक विद्यालयों में 2007-08 में कुल बच्चों का नामांकन 14,629,233 था जो 2015-16 में बढ़कर 16,170,088 हो गया।



बिहार में 2021-22 सत्र के लिए प्रवेशोत्सव : नामांकन अभियान के तहत पूरे बिहार में  24 मार्च 2021 तक कुल 32,08,503 बच्चों का नामांकन हुआ है।



बिहार के प्राथमिक विद्यालयों में 2007-08 में शिक्षक छात्र अनुपात 54 था  जो 2015-16 में बढ़कर 57 हो गया। क्योकि शिक्षको की बहाली कई वर्षो से नही हुई है। 

राज्य में कुल शिक्षको की संख्या 383176 है। ये बिहार सरकार के डाटा 2015-16 के अनुसार है जिसके बाद ना डाटा आया ना शिक्षक बहाली हुई| विदित हो की शिक्षा मंत्री खुद सदन में ये मानते है की बिहार में सवा तीन लाख शिक्षकों के पद रिक्त है अब बिहार की शिक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे है | ये आंकड़े और भी भयावह हो गए होंगे क्योंकि 2015 से शिक्षक कम तो हुए लेकिन भरने की कार्रवाई नहीं की गयी |



ये जो तथ्य आप ने अभी पढ़ा ये तो विहार की वर्तमान शिक्षा की स्थिति को बता रहा हैं लेकिन हमारा बिहार ऐसा नही था प्राचीन काल में नालंदा तक्षशिला जैसी विश्व विख्यात शिक्षण संस्थान हमारे बिहार में हुआ करती थी जहाँ पर विश्व भर के छात्र पढ़ने आते थे

वो गौरव बिहार को पुनः कब प्राप्त होगा ये तो हमारी सरकार के गर्व में छुपा हैं

RTE Act 2009 के तहत 1से 8 तक की शिक्षा को मौलिक अधिकार में शामिल कर दिया गया आज हमारी सरकारें बच्चों के मौलिक अधिकार का हनन कर रही हैं मौलिक अधिकार का हनन करना किसी अपराध से कम नहीं हैं।



बिहार प्रारंभिक शिक्षक नियोजन(@btetctet) ट्विटर और फेसबुक पेज के द्वारा 30 मार्च 2021 से ही हैश टैग 

#बिना शिक्षक के पढ़ रहा है बिहार  द्वारा इन बातों को लगातार बिहार सरकार और शिक्षा मंत्री तक पहुचाने का प्रयास किया जा रहा है।


बिहार प्रारंभिक शिक्षक नियोजन(@btetctet) ट्विटर पेज के द्वारा सभी शिक्षक अभ्यथियों से 24 मई को 11 बजे से अपना एक दो मिनट का एक वीडियो बनाकर हैशटैग #Bihar_Needs_Teachers का उपयोग कर ट्विटर पर ट्वीट और रिट्विट करने आवाहन किया गया है इस वीडियो में अभ्यथी  नियोजन नहीं होने से अपना  मानसिक ,आर्थिक और सामाजिक  तकलीफ को बतायेगें और कोरोना काल में उत्पन्न हुई परेशानी को सरकार तक पहुचाने का प्रयास करेंगे।

बिहार के मासूम बच्चों को शिक्षक आखिर कब तक नसीब होगा। इस सवाल का जवाब तो शिक्षा विभाग ही दे सकता है।

Wednesday, May 12, 2021

अभ्यर्थी ट्विटर पे पूछ रहे सवाल कब तक शिक्षक नियोजन करोगे सरकार

Patna: अभ्यर्थी ट्विटर पे पूछ रहे सवाल कब तक शिक्षक नियोजन करोगे सरकार 

बिहार में वर्षों से लंबित बिहार प्रारंभिक शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया पूर्ण नहीं होने के कारण अभ्यार्थियों में निराशा है| अभ्यार्थियों ने ट्वीटर पे बिहार प्रारंभिक शिक्षक नियोजन पेज के बैनर तले ऑनलाइन प्रदर्शन किया|



 #पीड़ित_बिहार_शिक्षक_अभ्यर्थी हैसटैग का उपयोग करते हुए लाखों अभ्यर्थी ने अपना दर्द बिहार के नेताओं और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को टैग करके साझा किया| अभ्यार्थियों का कहना है की सरकार जानबूझ कर शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया फसाए हुए है, सरकार कभी भी नियोजन को लेकर गंभीर नहीं हुई| 2019 में शुरू हुई बिहार प्रारंभिक शिक्षक नियोजन प्रक्रिया आज तक पूर्ण नहीं हुई जिससे अभ्यर्थी तनावग्रस्त होते जा रहे है| शिक्षक अभ्यार्थियों का मुद्दा ट्विटर पे बिहार में एक नम्बर पे ट्रेंड करता रहा| राजद ने सरकार पे गंभीर आरोप लगाते हुए लिखा की बिना शिक्षक के स्कूल, क्या ये है सुशासन की सरकार?





राजद नेता अरुण कुमार यादव ने भी सरकार को नियोजन में हो रही देरी पे घेरा वहीँ बिहार कांग्रेस के युवा अध्यक्ष गुंजन पटेल ने सरकार पे नियोजन के नाम पे ठगने का आरोप लगाया जिसके बाद yuva halla bol, youth for swaraj, yuva senaऔर aisa जैसे संघठनों ने भी सरकार को शिक्षक नियोजन में हो रही देरी के मुद्दे पे घेरा |



अभ्यार्थियों का कहना है की सारी अहर्ता पूर्ण करने के बाद भी सरकार ने आज तक हमे बेरोजगार रखा| इस कोरोना काल में हम अब दाने दाने को मोहताज हो गए है| सरकार जल्द से जल्द ब्लाइंड फेडरेसन केस को सुलझाते हुए नियोजन को पूर्ण करें |एक ओर सरकार वादा करती है की माइक में अनाउंस कर कर के रोजगार दिया जायेगा वहीँ दूसरी और लाखों अभ्यर्थी का नियोजन नहीं होने से पिछले तीन साल से तनावग्रस्त है |

Monday, May 3, 2021

94000 शिक्षक नियोजन को लेकर अभ्यार्थियों ने किया ट्वीटर पे प्रदर्शन

 बिहार में गत वर्षों से चली आ रही बिहार शिक्षक बहाली की प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हो सकी है। पिछले कई वर्षों से शिक्षक अभ्यर्थी इस इतंज़ार में बैठे है कि कब हम विद्यालय पहुँचेंगे। सरकार व शिक्षा विभाग के सुस्त रवैये के कारण उनका यह इतंज़ार कब खत्म होगा, यह कहना अब मुश्किल साबित हो रहा है।



एक तरफ बिहार में कोरोना का कहर अपने चरम सीमा पर है। कई शिक्षक अभ्यर्थी समेत उनके परिवार इससे जूझ रहे हैं। इस कहर के बीच भी शिक्षक अभ्यर्थियों की अपनी बहाली पूर्ण करने की चिंता साफ देखी जा सकती है। यह शिक्षक अभ्यर्थी सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार अपनी आवाज उठाते आये है, सरकार से मांग करते नजर आते है कि बहाली प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाए। शिक्षक अभ्यर्थी की यह माँग सोमवार सुबह ट्विटर पर नजर आने लगी।

वो लगातार #MENTIONING_BLIND_CASE टैग के साथ ब्लाइंड फेडरेशन के केस को अदालत में मेंशन करने की बात कर रहे थे।



आपको यह बताते चले कि बिहार के माननीय शिक्षामंत्री विजय कुमार चौधरी जी विधानसभा सत्र के दौरान इसे अर्जेंट बताते हुए बीते 5 अप्रैल को ही केस से लीव मिल जाने की बात रखे थे। पर यही अर्जेंट केस 195 नंबर पर लिस्टेड हुई जिसके कारण उसकी सुनवाई अब तक नहीं हो सकी।


ये केस 94000 प्राथमिक शिक्षक बहाली की है जिसकी प्रक्रिया 2019 में प्रारंभ हुई थी। इसके साथ माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षक बहाली भी सरकार व शिक्षा विभाग के ढुलमुल रवैये के कारण विभन्न मामलों में फँसती नजर आती है।


ये शिक्षक अभ्यर्थी कोरोना से तो जूझ रहे है साथ ही घर की तंगी स्थिति इन्हें कोरोना से ज्यादा भयावह हो गई है। पिछले एक वर्ष से कोचिंग, ट्यूशन या प्राइवेट संस्थान बन्द होने के वजह से जो भी इनकी आमदनी के स्त्रोत थे वो अब बन्द हो चुके है। 


बिहार सरकार व शिक्षा विभाग के बड़े अधिकारी अब इस शिक्षक बहाली प्रक्रिया पर कुछ बोलने से बचते ही नजर आते है। उधर सरकार की निष्क्रियता व इधर शिक्षक अभ्यर्थियों की सोशल मीडिया पर सक्रियता, इसकी स्थिति को स्पष्ट रूप में सामने लाती हैं।

ये देखना दिलचस्प होगा कि आखिर कब तक शिक्षक अभ्यर्थी इसका इंतज़ार करती है और कब सरकार इस पर खुलकर अपनी बात रखती है।