देश भर में छाया बिहार के शिक्षकों की नियुक्ति का मुद्दा
पटना:कल दिनांक 24/05/2021 को बिहार प्रारंभिक शिक्षक नियोजन(@btetctet) ट्विटर पेज के आवाहन पर सभी शिक्षक अभ्यथियों के द्वारा 11 बजे से लगातार अपना मार्मिक और ह्रदय विदारक वीडियो बनाकर हैशटैग #Bihar_Needs_Teachers का उपयोग कर 6 से 7 लाख की संख्या ट्विट और रिट्विट किया गया। जिससे ये मुद्दा ट्विटर पर पूरे भारत देश मे 1 और 2 नंबर पर घंटो ट्रेंड करता रहा।वीडियो में अभ्यथी नियोजन नहीं होने से अपना मानसिक ,आर्थिक और सामाजिक तकलीफ को बड़े ही बेबाकी से बताया और शिक्षक नियोजन नही होने से कोरोना काल में उत्पन्न हुई परेशानी को सरकार तक पहुचाने का प्रयास किया।इस डिजिटल आंदोलन को सफल बनाने यूथ फ़ॉर स्वराज,युवा हल्ला बोल तथा बिहार के तमाम शिक्षक संगठन का बहुत ही बड़ा योगदान मिला।
नेता प्रतिपक्ष के साथ बड़े नेताओं और विधायकों का भी सहयोग मिला।देश भर में छाया बिहार के शिक्षकों की नियुक्ति का मुद्दा
बिहार सरकार शिक्षक बहाली को भी चुनावी वोट की तरह देखती हैं। विधानसभा चुनाव में नीतीश जी की NDA सरकार ने चुनावी सभा मे चीख चीख कर कहा था कि सरकार की गठन होने के 1 साल के अंदर बहाली को पूरा कर लिया जायेगा लेकिन सरकार गठन होने के बाद आज तक सरकार ने शिक्षक बहाली पर एक कदम भी आगे नही बढ़ाया हैं जबकि अन्य राज्यों में इस कोरोना काल मे भी युवाओं को रोज़गार देने का काम राज्य सरकाए कर रही हैं ।लेकिन बिहार सरकार के मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री,शिक्षा मंत्री और विधायक सिर्फ सोशलमीडिया पर पोस्ट करने में व्यस्त हैं ।जमीनी स्तर पर युवाओं और शिक्षा के लिए सरकार कुछ भी नही कर रही हैं बिहार RTE Act के अनुसार छात्र शिक्षक अनुपात को पूरा करने में देश का सबसे पिछड़ा राज्य हैं। RTE Act के अनुसार छात्र शिक्षक अनुपात को बिहार के मात्र 25% विद्यालय ही पूरा करते है।बिहार सरकार की सिर्फ 2% विद्यालयों में RTE Act के सभी नियमो का पालन करती हैं ये खुद सरकार का रिपोर्ट में बताया गया हैं। शिक्षा बच्चों का मौलिक अधिकार होने के बावजूद भी बिहार सरकार अपने राज्य के बच्चों को मौलिक अधिकार का हनन कर रही हैं।बिहार के स्कूलों में जितने कक्षाएं हैं उतने शिक्षक भी सरकार नही दे पा रही हैं। 1से 5 के स्कूलों में कम से कम 5 शिक्षक और 1से 8 तक के स्कूलों में कम से कम 8 शिक्षक होने ही चाहये सरकार इतने शिक्षक देने में भी असमर्थ हैं। यदि आप बच्चों को उनका मौलिक अधिकार नही दे सकते तो बिहार के सारे स्कूलों को बंद कर दे।प्रारंभिक स्कूलों में 94000 शिक्षक बहाली का नोटिफिकेशन निकाले 3 साल हो गया हैं ।सरकार बहाली नही कर रही हैं । उच्च न्यायालय पटना में ब्लाइंड केस के नाम पर शिक्षक नियोजन को जानबूझकर लटकाया जा रहा है।शिक्षक अभ्यर्थियों को मजबूरन इस कोरोना महामारी में भी सोशलमीडिया ट्विटर के द्वारा आंदोलन करना पर रह हैं यदि अभी ये महामारी नही होता तो अभ्यर्थी सड़क पर ये आंदोलन करते.....
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